कांग्रेस सरकार ने जनसंपर्क में परंपरा तोड़कर बिठाया था आईपीएस आयुक्त… सीएम साय की सरकार ने इसे पलटकर आईएएस को बनाया कमिश्नर
News Analysis: Nawab Fazil
सीएम विष्णुदेव साय की सरकार ने कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार के समय शुरू की गई एक और परंपरा मंगलवार को आईएएस अफसरों के फेरबदल में पलट दी है। पिछली सरकार में जनसंपर्क आयुक्त के पद पर वरिष्ठ आईपीएस अफसर तथा वर्तमान एडीजी दिपांशु काबरा को बतौर कमिश्नर बिठाया गया था। छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से इस पद पर मूलतः आईएएस अफसर पदस्थ थे और इसे आईएएस का पद माना जाता रहा। आईपीएस अफसर को कमिश्नर बनाने पर तब आईएएस अफसरों ने दबे-छिपे तौर पर नाराजगी भी जताई थी, लेकिन खुलकर किसी ने कुछ नहीं कहा था। आईपीएस काबरा ने हालांकि इस पद की जिम्मेदारी अच्छी तरह निभाई थी, इसलिए भाजपा की सरकार बनने के बाद भी तात्कालिक तौर पर आईपीएस को ही जनसंपर्क का कमिश्नर बनाते हुए मयंक श्रीवास्तव की पोस्टिंग की गई थी। आईपीएस मयंक श्रीवास्तव ने भी अपना कार्य बखूबी अंजाम दिया, लेकिन शुरू से ही यह बात चर्चा में थी कि देर-सवेर साय सरकार आईएएस के पद पर आईपीएस अफसरों को बिठाने की परंपरा को खत्म कर देगी। मंगलवार को जारी सूची में इसी की झलक दिखाई दी, जब जनसंपर्क आयुक्त के तौर पर आईपीएस की जगह आईएएस रवि मित्तल को पोस्ट किया गया। साय सरकार के सूत्रों का कहना है कि कैडर बेस्ड पदों पर जिस संवर्ग के अफसर को बिठाने की परंपरा रही है, सरकार उस पर अमल करेगी। माना जा रहा है कि यह फैसला नीतिगत तौर पर ले लिया गया है और सरकार ने उन पदों की पहचान कर रही है, जिन पर भारतीय सेवाओं के अफसरों के लिए मान्य परंपरा के विपरीत पोस्टिंग की गई है। इस पूरे सिस्टम को दुरुस्त करने की शुरुआत जनसंपर्क विभाग से ही की गई है। बताया जाता है कि कैडर से ही पदों को भरने की यह परंपरा विभागों में भी लागू करने की तैयारी की जा रही है। ऐसे में आने वाले समय में कुछ और महत्वपूर्ण फेरबदल देखने में आ सकते हैं। बता दें कि कुछ समय पहले वित्त विभाग ने अलग-अलग विभागों में बैठे अफसरों को भी मूल विभाग में वापस बुलवा लिया था।