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DGP-IG कांफ्रेंस में गृहमंत्री शाह की दो टूक… हमने NIA-UAPA को मज़बूत किया… नारकोटिक्स और भगोड़ों के लिए सशक्त क़ानून बनाए… अगली कांफ्रेंस तक देश पूरी तरह नक्सलमुक्त

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार, 28 नवंबर को तीन दिवसीय 60वीं DGP/IGP कॉफ्रेंस का उद्घाटन किया। इस अवसर पर देशभर से आए पुलिस महानिदेशकों (DGP) और महानिरीक्षकों (IG) को संबोधित करते हुए गृहमंत्री शाह ने कहा कि पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में DGsP/IGsP कॉफ्रेंस समस्याओं के समाधान, चुनौतियों और रणनीतियों से नीति निर्धारण तक, देश की आंतरिक सुरक्षा के समाधान का फोरम बन कर उभरी है। उन्होंने कहा कि हमने NIA, UAPA कानूनों को सुदृढ़ बनाने, तीन नए आपराधिक कानून, नारकोटिक्स और भगोड़ों के लिए मजबूत कानून बनाए हैं। तीनों नए आपराधिक कानूनों के पूर्णतः लागू होने के बाद भारत की पुलिसिंग विश्व में सबसे आधुनिक होगी। गृहमंत्री शाह ने दोहराया कि  अगली कॉन्फ्रेंस से पहले देश नक्सलवाद की समस्या से पूर्णतः मुक्त हो जाएगा।

गृहमंत्री शाह ने कहा कि हमने 7 वर्षों में 586 फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन बनाकर सुरक्षा के घेरे को मजबूत बनाया है।  इसी का परिणाम है कि 2014 में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या जो 126 थी, वो घटकर 11 रह गई है। पिछले 40 साल से देश के लिए नासूर बनें 3 हॉटस्पॉट नक्सलवाद, नार्थ-ईस्ट और जम्मू-कश्मीर की समस्या के निराकरण का मोदी सरकार ने स्थायी समाधान दिया है। जल्द ही ये देश के बाकी हिस्सों जैसे बन जाएंगे। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि हमने PFI पर बैन लगाकर देशभर में उनके ठिकानों पर छापे मार कर गिरफ्तारियां की। यह केंद्र – राज्य के समन्वय का उत्तम उदाहरण बनी। Intelligence की Accuracy, Objective की clarity और Action की synergy, इन तीन बिंदुओं पर काम करके हम कट्टरता, उग्रवाद और नारकोटिक्स पर कड़ा प्रहार कर रहे हैं। गृहमंत्री ने कहा कि हमें नारकोटिक्स और organised क्राइम पर 360 डिग्री प्रहार कर ऐसा तंत्र बनाना है कि इस देश में नार्को व्यापारियों और अपराधियों को एक इंच भी जमीन न मिल पाए। अब समय आ गया है कि राज्यों की पुलिस NCB के साथ मिलकर नारकोटिक्स के राज्य, राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय स्तर के गिरोहों पर कड़ा प्रहार कर उनके आकाओं को जेल में डालें।

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