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अग्रवाल-सिंधी समाज के आराध्यों पर टिप्पणी, अमित बघेल की मुश्किलें बढ़ीं… सुप्रीम कोर्ट का सभी केस को एक जगह क्लब करने से इनकार

अग्रवाल समाज और सिंधी समाज के आराध्यों पर टिप्पणी के मामले में छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना के अध्यक्ष अमित बघेल की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अमित बघेल अग्रिम जमानत याचिका खारिज करते हुए सख्ती से कहा है कि जहां-जहां FIR दर्ज है, बघेल को वहां जाकर कानूनी प्रक्रिया का सामना करना होगा।सुप्रीम कोर्ट में अमित बघेल की ओर से देशभर में दर्ज मामलों को एक जगह क्लब करने की मांग रखी गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने इसे भी ठुकरा दिया और कहा कि आप अपनी जुबान पर लगाम रखें। राज्य की पुलिस आएगी और आपको अपने-अपने राज्यों में ले जाएगी। पूरे देश की सैर का आनंद लीजिए।

अदालत की यह टिप्पणी सुनवाई के दौरान सबसे सख्त प्रतिक्रिया मानी जा रही है। बता दें कि अमित बघेल एफआईआर होने के बाद से पिछले 26 दिनों से फरार हैं। रायपुर पुलिस ने तो अमित बघेल को भगोड़ा घोषित करते हुए 5 हजार का ईनाम भी रखा है। अमित बघेल के खिलाफ छत्तीसगढ़ के अलग-अलग जिलों में एफआईआर के अलावा कर्नाटक, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु समेत 12 राज्यों में दर्जनभर से अधिक एफआईआर दर्ज हैं।

सुप्रीम कोर्ट में दो याचिकाओं की सुनवाई में अमित बघेल के वकील ने कहा कि उनका विवादित बयान आवेश में दिया गया है। उनका किसी की धार्मिक या सामुदायिक भावनाएं आहत करने का उद्देश्य नहीं था। चूंकि छत्तीसगढ़ में पांच केस दर्ज हैं, इसलिए बाकी राज्यों के मामलों को भी वहीं ट्रांसफर कर दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने यह तर्क मानने से साफ इनकार कर दिया।अमित बघेल पर आरोप है कि छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा खंडित होने के बाद 27 अक्टूबर को अग्रसेन महाराज, सिंधी समाज के ईष्ट देवता झूलेलाल और छत्तीसगढ़ महतारी विवाद के संदर्भ में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी।

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