यौन उत्पीड़न-ब्लैकमेलिंग… आईजी छाबड़ा और डीआईजी मिलना को जांच का जिम्मा… डीजीपी को सौंपेंगे रिपोर्ट

छत्तीसगढ़ के सीनियर आईपीएस पर लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप तथा आईपीएस द्वारा लगाए गए साजिशन ब्लैकमेलिंग के आरोपों की जांच के लिए डीजीपी अरुणदेव गौतम ने दो आईपीएस अफसरों की कमेटी बना दी है। सूत्रों के अनुसार दोनों ही आरोपों की जांच के लिए आईजी आनंद छाबड़ा और डीआईजी मिलना कुर्रे की कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी सीनियर आईपीएस पर लगे आरोप की जांच तो करेगी ही, साथ ही अफसर द्वारा लगाए गए ब्लैकमेलिंग के आरोप की भी जांच करेगी। चूंकि दोनों ही आरोप गंभीर तथा संवेदनशील है, इसलिए पुलिस मुख्यालय जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही इस मामले में आगे एक्शन लेगा।
सीनियर आईपीएस पर उत्पीड़न का आरोप एक पुलिसकर्मी की पत्नी ने 15 अक्टूबर को लगाया था। लगभग इसी के आसपास सीनियर आईपीएस ने भी संबंधित महिला तथा अज्ञात साथियों पर साजिश रचकर ब्लैकमेलिंग के आरोप लगाते हुए डीजीपी को चिट्ठी लिखी थी। लगातार त्योहारी छुट्टियां पड़ने की वजह से दोनों ही मामले बुधवार की रात से चर्चा में आए और गुरुवार को सुबह सारे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर थे। चूंकि दोनों ही मामलों में किसी तरह की अधिकृत कार्रवाई नहीं हुई, इसलिए द स्तम्भ संबंधितों का नाम या पहचान स्पष्ट नहीं करेगा। सूत्रों के अनुसार गुरुवार को दोपहर डीजीपी गौतम ने इस मामले की जांच के लिए पीएचक्यू में पदस्थ उक्त दोनों आईपीएस की जांच कमेटी बना दी है। चूंकि इस मामले में कोई भी कुछ बताने के लिए तैयार नहीं है, इसलिए यह स्पष्ट नहीं है कि आईजी छाबड़ा और डीआईजी मिलना जांच कब शुरू करेंगे और जांच रिपोर्ट कब तक देनी है। आदेश की कापी मिलने के बाद यह भी अगली खबर में स्पष्ट कर दिया जाएगा।